आपण बोलत राहिलं पाहिजे…
“ना तो मै तुम्हारा आकडा हूं, ना ही तुम्हारा वोट बँक. मै तुम्हारा प्रोजेक्ट नही हूं और ना ही तुम्हारे अनोखे अजायबघर की कोई परियोजना, ना ही अपने उद्धार की प्रतीक्षा मे खडी आत्मा हूं, और ना ही वह प्रयोगशाला जहाँ परखे जाते है सिद्धांत.” “तुमने जो नाम मुझे दिये है, जो फैसले सुनाए, जो …